उन्नाव पीड़िता ने एसपी उन्नाव को लिखी थी 33 चिट्ठियां...
रिपोर्ट---गोपाल सिंह 

 

ताज्जुब होता है जब उन्नाव रेप पीड़िता की पिछली एक की दास्तान धीरे धीरे सामने आती जा रही है हो सकता था कि आज उन्नाव पीड़िता वेंटीलेटर पर ना होती अगर उन्नाव के एसपी साहब ने पीड़िता की उन चिट्ठियों को गंभीरता से लिया होता सूत्र बता रहे हैं कि उन्नाव के एसपी साहब के 33 चिट्ठियों की बात तो क़ुबूल की है लेकिन तर्क ये दिया है कि चिट्ठियों में कोई वज़न नही था जिस बात पर गौर किया जाए।

 



 

अरे जब पीड़िता लगातार आपसे गुहार कर रही थी कि उसको और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है तो उस पर आपने एक्शन क्यों नही लिया क्या आपको हादसे का इंतज़ार था आपको तो ये भी पता होगा कि पीड़िता के वकील ने हथियार रखने का लाइसेंस भी अप्लाई किया था फिर भी आपको कोई जरूरत नही महसूस हुई उसकी गुहार पे तत्परता दिखाने की।

 


 

इस पूरे मामले में सिर्फ उन्नाव के एसपी ही नही बल्कि योगी सरकार भी बराबर की गुनहगार लगती है पीड़िता को वेंटीलेटर तक पहुंचाने के लिए फिलहाल जो उसकी हालत है तो उसे सिर्फ चमत्कार ही बचा सकता है अगर भगवान ना करे उसके साथ कुछ बुरा हुआ तो ये घटना सरकार के लिए शुभ नही मानी जायेगी क्योंकि रसूखदार दार व्यक्ति से इंसाफ के लिए लड़ रही देश की बेटी का ये अंजाम हर उस लड़की को सकते में डाल देगा जिसको ऐसे ही किसी रसूखदार व्यक्ति से प्रताड़ना मिली होगी या मिलेगी और वो व्यक्ति एक ऐसी पार्टी की शरण मे होगा जो बेटी बचाने की मुहिम का ढिंढोरा पीटता नज़र आता हो।

 


 


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